कोरबा :

प्रधानमंत्री आवास योजना जोकि केंद्र कि प्रमुख योजनाओं मे से एक है, जिसमे कच्चे मकान एवं झुग्गी झोपडीयों मे रहने वाले लोगों को पक्के मकान की सुविधा प्राप्त हो इस उदेश्य से यह योजना प्रधानमंत्री द्वारा सम्पूर्ण देश मे लागू किया गया है, जिसके अंतर्गत ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों मे रहने वाले गरीबों को पक्के मकान बनाने के अनुपात मे चार किस्तों मे राशि शासन की ओर से दी जाति है जिससे उपयुक्त व्यक्ति के पक्के मकान बनाने का सपना पूरा हो सके, पर जो बाते सामने आ रही है उससे ऐसा प्रतीत होता है के दूर दराज गावों मे रहने वाले लोगों का सपना शायद ही पूरा हो पायेगा। पिछले दिनों कटघोरा क्षेत्र के एक पंडित श्री पाण्डेय प्रेस वार्ता कर वहां के वार्ड पार्षद श्रीमती अग्रवाल पर आरोप लगाया था के वार्ड पार्षद द्वारा 50000/- रुपये की मांग की गई थी नही देने पर आवास योजना के किस्तों को रोक दिया गया एवं उक्त पंडित को प्रताड़ित भी किया जा रहा है जिससे वह अत्यंत भयभीत है साथ उसके पक्के मकान बनाने का सपना हुआ अधूरा । ऐसा ही एक मामला जिले के दूर दराज गांव शयांग का है, जहाँ आरोप है के रोजगार सहायक सचिव प्रकाश सिंह चौहान द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि देने के एवज मे ग्रामीणों से पैसो की मांग की जा रही है। ग्राम शयांग की श्रीमती चमरीन बाई राठिया ने आरोप लगाते हुए बताया के आज से चार वर्ष पूर्व उसके पति मालिक राम राठिया के नाम से प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत मकान बनाने के लिए किस्तों मे राशि देने की स्वीकृति शासन से हुई थी । इनमे दो किस्त मिले जिससे उनके पति श्री राठिया द्वारा मकान की नींव रखी गई। पर पति के देहांत के बाद तीसरे किस्त के वक़्त जिसमे 40000/- रुपये प्राप्त हुए थे, उसमे से 25000/- रुपये रोजगार सहायक सचिव ने किस्ती पैसा निकालने के एवज मे जनपद के अधिकारीयों पर खर्च के नाम पर ले लिया गया, वहीँ उक्त महिला के खाते मे पुनः 15000/- रुपये आने पर सहायक सचिव द्वारा एक बार फिर से घर मे आकर 10000/- रुपये ले लिया गया जिससे महिला का घर बनाने का सपना रह गया है अधूरा, अब वह लिए गए पैसों को उक्त सचिव से वापस लेने के लिए दर दर भटक रही है । उसका कहना है के सचिव द्वारा योजना के अंतर्गत मिलने वाले राशि को महिला को दिलाने के लिए जो खर्च किये गए है उसके एवज मे लि जा रही है।

वहीँ शयांग कि एक दूसरी महिला श्रीमती अघन बाई ने आरोप लगाया के उसे भी मकान बनाने के लिए राशि स्वीकृति हुई थी पर अब तक वह राशि उसे प्राप्त नही हुआ बल्कि उक्त स्वीकृति किस्तों मे से मात्र 5000/- की राशि ही सहायक सचिव प्रकाशसिंह चौहान के द्वारा दिया गया, शेष राशि वह खर्च के नाम पर स्वयं रख लिया। रोजगार सचिव ने उक्त रुपये कहाँ और किसपर खर्च किये यह तो वह महिला बता नही पाई, पर कहाँ के उक्त सचिव ने बैंक मे महिला के साथ जाकर उससे मिले राशि मे से पांच हजार महिला को देकर शेष राशि अपने पास रख लिया जो आज तक उसे नहीं दिया गया जिसके चलते उसका मकान बनाने का सपना नही हुआ पूरा  । जिसे लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए शिकायत की गई है के उक्त रोजगार सहायक प्रकाश सिंह चौहान द्वारा लिए गए राशि को लौटाया जाए साथ ही उसपर कार्यवाही भी हो। इस दौरान वहां मौजूद शयांग से आये हुए अन्य ग्रामीणों ने प्रकाशसिंह चौहान पर आरोप भी लगाया के उक्त व्यक्ति द्वारा कई लोगों से मकान बनवा दूंगा के नाम पर पैसा लिया गया पर कई वर्ष बीत गए आज भी ग्रामीण पक्का मकान मे रहने से वंचित है। एक ओर प्रदेश के मुखिया इस योजना को लेकर विशेष ध्यान देने की बात कर रहे, जिससे कोई भी गरीब एवं झुग्गी झोपडीयों मे रहने वाले व्यक्ति इस योजना से वंचित ना हो पाए, वहीँ दूसरी ओर कुछ लोगों द्वारा इस योजना को मिट्टीपलित लगाने मे कोई कसर नही छोड़ा जा रहा है।