कोरबा :

चार साल से लगातार महापौर के जाति प्रमाण पत्र कि सच्चाई को जनता के सामने  लाने मे आखिरकार ऋतू हुई सफल 

नगर पालिक निगम कोरबा के महापौर राजकिशोर प्रसाद के जाति प्रमाण पत्र को ऋतु चौरसिया की शिकायत जिला स्तरीय छानबीन समिति द्वारा विस्तृत जांच हेतु प्रेषित प्रकरण पर आदिम जाति विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति ने आखिरकार निरस्त कर दिया है। बता दें के 2019 नगर निकाय चुनाव के दौरान भाजपा प्रत्याशी रही ऋतु चौरसिया के द्वारा महापौर राजकिशोर प्रसाद के द्वारा फर्जी जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने का आरोप लगाया था, जिसे सिद्ध करने के लिए भाजपा नेत्री ऋतु चौरसिया को साढे चार साल का वक्त लग गया।इस दौरान जाति प्रमाण पत्र कि सच्चई को सामने लाने के लिए लगातार प्रयासरत रही, जिसके लिए उन्हें कई चक्कर प्रशासनिक कार्यलयों के लगाने पढ़े थे। ज्ञात रहे कि मार्च 2024 में जिला स्तरीय प्रमाण पत्र सत्यापन समिति द्वारा मांग पर राजकिशोर प्रसाद के जाति प्रमाण पत्र को निलंबित कर विस्तृत जांच हेतु मामला प्रदेश स्तरीय समिति को प्रेषित कर दिया गया था। प्रदेश स्तरीय समिति में भी राज किशोर प्रसाद अपना पक्ष साबित करने में असफल रहे। अंततः उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति के द्वारा महापौर राजकिशोर प्रसाद की जाति प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया गया है। इस पूरे मामले को लेकर ऋतु चौरसिया ने बताया कि यह सच्चाई की जीत है आखिरकार महापौर के झूठ का नकाब कोरबा के लोगों के सामने उतर गया है और उन्हें अपने पद पर बने रहने का कोई हक नहीं है, इतनी लंबी लड़ाई के बाद जीत मिलना यह कोरबा की जनता की जीत है, जो महापौर राजकिशोर प्रसाद के कार्यकाल के दौरान अपने आप को छला हुआ महसूस कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति के सामने तीन बार उन्हे तथा राजकिशोर प्रसाद को जाति को लेकर अपना पक्ष रखने बुलाया गया था। समिति के द्वारा दोनों पक्षों की सुनवाई के पश्चात आखिरकार सत्य की जीत हुई और समिति ने महापौर राजकिशोर प्रसाद की जाति प्रमाण पत्र पर निरस्त करने हेतू जिला कलेक्टर, उपपुलिस अधीक्षक, विजलेंस सेल को निर्देश दिया है।