कोरबा :
दिनांक 27 जुलाई 2024 की दोपहर अचानक अत्यधिक बारिश होने से एसईसीएल कुसमुंडा खदान क्षेत्र में एक सहायक अधिकारी की कार्य के दौरान खदान में बारिश के पानी के बहाव में बह जाने से मौत हो गई थी ।
जिसे लेकर कुसमुंडा प्रबंधन ने उक्त मामले की जांच कर दिनांक 29 जुलाई 2024 को जांच रिपोर्ट की आदेश कॉपी जारी की थी,जिसमे बताया गया के जिस वक्त यह घटना घटी थी, उस वक्त उक्त अधिकारी जितेंद्र नागरकर ने अपने कार्य के प्रति लापरवाही दिखाते हुए उस विषम परिस्थिति में वीडियो गेम खेलने में मसरूफ थे और उनके साथियों द्वारा जो उस वक्त निरीक्षण के दौरान उनके साथ मौजूद थे, ने उन्हें वहां से निकलने को कहा पर वह नही निकले और जिसके कारण वे तेज पानी के चपेट में आने से वे संप की ओर बह गए जिससे उनकी मौत हो गई । यह आदेश एसईसीएल कुसमुंडा महाप्रबंधक आर.पी. सिंह द्वारा जारी किया गया था । आदेश में यह भी लिखा गया है की भविष्य में यदि किसी भी अधिकारी या कर्मचारी द्वारा कार्य के दौरान मोबाइल में गेम खेलने की बात सामने आती है तो उस संबंधित व्यक्ति पर अनुशासनात्मक कायवाही की जाएगी । जिसके जारी होते ही सोशल मीडिया में महाप्रबंधक की काफी आलोचना हुई।
जिसके बाद आनन फानन में 31 जुलाई को महाप्रबंधक ने दोबारा एक आदेश जारी किया है जिसमे पूर्व प्रेषित आदेश को अमान्य करते हुए वापस ले लिया। सूत्रों से यह भी ज्ञात हुआ है की पूर्व में उनके आदेश जारी होने के बाद एसईसीएल बिलासपुर के उच्चाधिकारियों ने महाप्रबंधक कुसमुंडा के आदेश को लेकर काफी नाराजगी जाहिर की थी ,जिसके चलते महाप्रबंधक द्वारा सहायक अधिकारी की मौत को कार्य के प्रति अधिकारी की लापरवाही ठहराने वाले आदेश को अमान्य किया गया है ।पूर्व जारी किए गए आदेश के अमान्य किए जाने से कई प्रश्न खड़े हो गए है,क्योंकि यदि पूर्व जारी किए गए आदेश को जांच के बाद जारी किया गया था तो महाप्रबंधक ने आदेश को अमान्य क्यों किया ? क्योंकि जांच आदेश में उन लोगों की भी स्टेटमेंट को रिकॉर्ड किया गया था जो उस वक्त सहायक अधिकारी के साथ मौजूद थे और जिनका कहना था के,बार बार घटना स्थल से निकलने की बात कहने पर भी उक्त अधिकारी मोबाइल में व्यस्त थे । महाप्रबंधक के द्वारा नए आदेश के बाद अब वे स्वयं आ गए है सवालों के घेरे में ,अब देखना होगा के कुसमुंडा प्रबंधन का नया आदेश इस घटना को लेकर क्या आयेगा या मामले को यहीं रहा दफा कर दिया जायेगा ।