कोरबा :

महापौर पद से केंद्र तक का सफर तय कर अब कोरबा लोकसभा चुनाव के लिए तैयार भाजपा प्रत्याशी जनता के बीच पहूंचते ही उनके कार्यों एवं व्यक्तित्व को देख जनता हो रही कायल

लोकसभा चुनाव 2024 को अब कुछ ही समय रह गए हैं और इसी को देखते हुए भाजपा और अन्य राष्ट्रीय पार्टियां अपने अपने प्रत्याशियों को लेकर जोर सोर से सभाओं के माध्यम से प्रचार में लगी हूई है । वही भाजपा कोरबा लोकसभा प्रत्याशी डॉ. सरोज पांडेय के व्यक्तित्व से लोग अत्यधिक प्रभावित होता देखा जा सकता है । जहां भी वे सभाएं ले रही है लोग बड़ी संख्या में उनको सुनने जा रहे है साथ ही उनके द्वारा  “जीत मेरी नही इस लोकसभा क्षेत्र में कार्य कर रहे भाजपा के प्रत्यक कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों की होगी” के इस कथन के बाद  पार्टी के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं में भी जोश उत्पन्न कर दिया है, जिससे प्रभावित होकर अपने अपने क्षेत्रों में जोर सोर से प्रचार कर रहे है, आखिर हार किसको पसंद है । वर्तमान में मोदी सरकार की प्रदेश मे चल रही विभिन्न योजनाएं जिसमे मुख्य तौर पर महतारी वंदन योजना,उज्जवला योजना,किसान बोनस योजना,गरीब कल्याण अन्न योजना जिसमे पांच साल तक गरीबों को दिया जाने वाला मुफ्त चावल कहीं ना कहीं भाजपा को लोकसभा 2024 के चुनाव में जीत की ओर एक कदम आगे लेकर चल रही,वहीं भाजपा की इन योजनाओं के चलते अन्य पार्टियों के जीत की राह भी अब हो गयी है कठिन, साथ ही लोकसभा प्रत्याशी सुश्री पांडेय की जनता के बीच बढ़ती लोकप्रियता कहीं न कहीं विपक्ष को कमजोर के साथ अब सोचने को भी मजबूर कर दिया है कि वे अपने लक्ष्य को कैसे प्राप्त करें ।

पांच वर्ष तक निष्क्रिय रही सांसद की जीत की राह हूई कठिन

चुनाव सभाओं की बात करें तो कांग्रेस द्वारा जनता के बीच लिए जा रहे सभाओं में उनके कार्यकर्ता या उनके परिजन के अलावा और कोई नही दिख रहे, साथ ही विपक्ष नेत्री के पास कोई ऐसा मुद्दा या योजनाएं भी नही है,जिसे वो लेकर जनता के सामने रख सके,साथ ही उनके पांच साल के कार्यकाल में कोरबा लोकसभा क्षेत्र से गायब होना या यूं कहे निस्क्रीय रहना कहीं न कही जनता के मन में दुविधा उत्पन्न करने के साथ साथ प्रश्न चिन्ह भी खड़ा कर दिया है के जो पांच साल प्रदेश मे कांग्रेस की सरकार रहते हुए एवं स्वयं  कोरबा लोकसभा की सांसद रहते हुए जनता के समस्याओं को संज्ञान में नही लि, न ही उसका समाधान करने कि कोशिश तक कि गयी, तो क्या वह पुनः सांसद बनने पर जनता के समस्याओं का समाधान एवं लोकसभा क्षेत्र का विकास कर पाएंगी ?