कोरबा :
पांच वर्ष पूर्ण होने को है, और अब भी नही सुरू हो सका काम
कोरबा लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी व कांग्रेस में शुरू हुआ घमासान। कांग्रेस लोकसभा प्रत्याशी ज्योत्सना महंत द्वारा सतरेंगा में कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान अपने उद्बोधन में स्वीकार किया कि हमने 03 सालों तक काम नहीं किया, लेकिन 02 सालों हमने लोकसभा क्षेत्र में 111 काम किये हैं । लोकसभा चुनाव सामने है और अब भी उन्होंने उनके कार्यकाल के काम को सुरू होने कि बात कही। लेकिन सवाल यहां यह है कि, सांसद महोदया ने 111 काम की बात कर रही हैं वह कोरबा लोकसभा के किस क्षेत्र में की गयी और क्या काम किया है , जो अब भी लोगों की जानकारी में नहीं हैं और हो भी कैसे, पिछले 05 सालों में जनता की जो बड़ी बड़ी समस्याएं थी वह यथावत रही । उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि कांग्रेस एक संगठन के रूप में काम करता है और हमने इस बार कोरबा जिले की चार विधानसभा में 01 विधानसभा में जीत दर्ज की । लेकिन वह यह बोलना भूल गई कि जिले की तीन विधानसभा सीटों में जो उनकी जीती हुयी सीटें थीं वह कांग्रेस गवां बैठे और जिसमे से एक सीट मुख्य एवं प्रबल सीट था । विधानसभा चुनाव 2023 कोरबा, कटघोरा, पाली तानाखार विधानसभा में कांग्रेस के सभी प्रत्याशियों को करारी हार का सामना करना पड़ा था जबकि कोरबा लोकसभा की वह सीटिंग सांसद थी। इससे यह भी एक कारण माना जा सकता है कि उनकी जनता से रही दूरियां के चलते कांग्रेस को तीन सीट पर हार का खामियाजा भुगतना पड़ा । इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपा की लोकप्रियता कहीं कांग्रेस पर भारी ना पड़ जाए , इसलिए शायद सांसद महोदया अपनी हार स्वीकार करते हुए, 05 सालों के कार्यकाल की नाकामियों को बोल बैठी।
वहीं कोरबा लोकसभा की भाजपा प्रत्याशी सुश्री सरोज पांडे राष्ट्रीय नेतृत्वकर्ता है और उनके जनसम्पर्क कार्यक्रम में लोगों का भारी समर्थन मिलता दिख रहा है। शायद उनकी लोकप्रियता व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली व उनकी रीति नीति से प्रभावित होकर कांग्रेस के कार्यकर्ता भी भारतीय जनता पार्टी के साथ बड़ी संख्या में शामिल हो रहे हैं। यह सब देखकर लोग सोचने पर मजबूर हो गए हैं की कहीं कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत अपने पार्टी में चल रहे गुटबाजी, कांग्रेसियों के लगातार भाजपा प्रवेश और भाजपा के पूरे देश में लगातार बढ़ती हुई लोकप्रियता से कहीं विचलित तो नहीं हो गई है । और यदि अगर ऐसा है तो कही इसका नुकसान उन्हें आने वाले चुनाव में भुगतना ना पड़े ।