कोरबा :

22 अप्रैल 2023 से एनटीपीसी कोरबा के खिलाफ आम सूचना अनुसार नौकरी व बचे हुए जमीन की मुआवजा व क्षतिपूर्ति की मांग को लेकर 03 भू-विस्थापित विनय कुमार कैवर्त, रामकृष्ण केवट, राकेश कुमार केवट भीषण गर्मी , बरसात, ठंड , और अब गर्मी में परिवार के सदस्यों के साथ लगातार तकलीफों में तानसेन चैक कोरबा में बैठे हुए 329 दिन अर्थात 11 माह होने वाला है।
इससे पूर्व दिनांक 26.02.2024 को जिला प्रशासन व एनटीपीसी कोरबा प्रबंधन द्वारा बनी समिति के द्वारा भूविस्थापितों के बीच बैठक किया गया 12 बिन्दुओ में 5-6 बिन्दुओ की चर्चा की गई कुछ दस्तावेज को जांच के लिए रखा गया । इस दौरान एनटीपीसी कोरबा द्वारा भूविस्थापितों द्वारा दिये दस्तावेज के जवाब में दिग्भ्रमित पत्र प्रेषित किया गया है । अपने द्वारा दिए गए पूर्व आदेशों और जिला प्रशासन द्वारा दिए निर्देशों को झुठलाने की कोशिश की गई है, एनटीपीसी कोरबा द्वारा जमीन अधिग्रहित 28 गांवों में से 19 गांवो के 323 भूविस्थापितो को सन् 2000 तक स्थायी नौकरी प्रदान किए हैं, और अब एनटीपीसी कोरबा द्वारा रिक्तियां नही की जानकारी दी जाती है जबकि सन् 1991में 2433 कर्मचारी थे और अब प्लांट में नियमित कर्मचारी 650 से कम है , प्लांट की क्षमता लगभग 2500 नियमित कर्मचारी की है अभी भी लगभग 1900 कर्मचारी की आवश्यकता है जिसमें भूविस्थापितो को भर्ती की जा सकती है इनके जगह वर्तमान में ठेके श्रमिक से काम चलाया जा रहा है , नौकरी न देने के लिए जमीन अधिग्रहण के बाद भूविस्थापितो को नये नये पालिसी बना कर गुमराह करते आ रहे है, जिससे भूविस्थापित अपने अधिकार से वंचित हैं, इसके आलावा भूविस्थापितो के जले पर नमक छिड़कते हुए एनटीपीसी सीपत के 33 भूविस्थापित को एनटीपीसी कोरबा में लगभग 8 साल से नियमित नौकरी कर रहे हैं पूछने पर कभी ट्रेनिंग करने आये है कि जानकारी दिये जातें है तो कभी ट्रांसफर से आये है और अब गुमराह करने के लिए हमें जानकारी दे रहे है उनका नौकरी एनटीपीसी सीपत में है यहां पर काम कर रहे है की जानकारी दे रहे है। एनटीपीसी कोरबा प्रबंधन द्वारा भूविस्थापितों को किस प्रकार से मुर्ख बनाया जा रहा है। सीपत के भूविस्थापितो को सीपत में देना चाहिए कोरबा के भूविस्थापितो को कोरबा में देना चाहिए, इनकी बात को अगर मानें तो कोरबा के भूविस्थापितो को कोरबा में भर्ती कर सीपत में नौकरी देना चाहिए।
जिला प्रशासन से बचे जमीन व नौकरी संबंधित में पुनः जांच के नाम पर 10 -15 दिन की जानकारी दी गयी है ताकि आचार संहिता में कुछ न कर पाये और पिछले 9 माह से इसी प्रकार जांच के नाम से गुमराह करने के कारण तथा विधानसभा चुनाव के समय बिना निराकरण के आचार संहिता में बैठाकर रखे गये है जिससे गुमराह से परेशान होकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे भूविस्थापितों द्वारा दिनांक 03.03.2024 को निर्णय लिया गया है कि आने वाला लोकसभा चुनाव के पहले भूविस्थापितो की मांग का निराकरण नही हुआ तो लोकसभा चुनाव का बहिस्कार किया जायेगा जिसका जिम्मेदार जिला प्रशासन कोरबा व एनटीपीसी कोरबा की होगी जिसकी जानकारी दिनांक 10.03.2024 को तिलक भवन प्रेस क्लब कोरबा में प्रेस वार्ता के दौरान जानकारी दी गई है अभी भी निराकरण के संबंध में गंभीर न होने के कारण आज पुनः इसकी जानकारी दी जा रही है । आने वाले लोकसभा चुनाव के पहले मांग का निष्पक्ष निराकरण नहीं हुआ तो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे भूविस्थापितो और परिवार द्वारा लोकसभा चुनाव का बहिस्कार किया जायेगा जिसका जिम्मेदार जिला प्रशासन कोरबा व एनटीपीसी कोरबा की होगी और जब तक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे भूविस्थापितो की मांग का निराकरण नहीं होता है तब तक हड़ताल जारी रहेगी।